मुजफ्फरनगर। भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के बैनर तले किसानों ने बुधवार को कलेक्ट्रेट परिसर में धरना देकर किसान संगठनों की आड़ में हो रही अवैध गतिविधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
धरने के बाद किसानों ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संबोधित एक ज्ञापन जिलाधिकारी मुजफ्फरनगर को सौंपा।
धरना भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के राष्ट्रीय प्रवक्ता धर्मेन्द्र मलिक के नेतृत्व में दिया गया। किसानों का आरोप है कि कुछ तथाकथित किसान संगठन मिट्टी खनन, अपराधियों के समर्थन में आंदोलन और कानून-व्यवस्था को प्रभावित करने जैसे गैरकानूनी कार्यों में लिप्त हैं। ऐसे संगठनों के खिलाफ मुकदमे दर्ज कर कड़ी कार्रवाई की जाए।
ज्ञापन में योगी सरकार द्वारा प्रदेश में कानून-व्यवस्था, सुशासन और अवैध गतिविधियों पर की जा रही कठोर कार्रवाई की सराहना करते हुए कहा गया कि इसके बावजूद कुछ संगठन किसानों को गुमराह कर उग्र आंदोलन के लिए उकसाते हैं। इससे प्रशासनिक कार्य बाधित होता है, सड़क व रेल यातायात प्रभावित होता है और आम जनता को परेशानी उठानी पड़ती है, जबकि असली किसान मुद्दे पीछे छूट जाते हैं।
भाकियू (अराजनैतिक) ने सुझाव दिया कि प्रदेश में सभी किसान संगठनों का सरकारी पंजीकरण अनिवार्य किया जाए और उनके पदाधिकारियों का विवरण सार्वजनिक पोर्टल पर उपलब्ध हो। सरकार द्वारा जिला और मंडल स्तर पर वार्ता के लिए अधिकृत मंच बनाए जाएं, जहां केवल पंजीकृत संगठनों के सीमित प्रतिनिधियों से ही बातचीत हो।
इसके साथ ही सोशल मीडिया और सभाओं के माध्यम से फैलायी जा रही अफवाहों व भ्रामक सूचनाओं पर सख्त कार्रवाई की मांग की गई। किसानों तक सरकारी योजनाओं की जानकारी सीधे एसएमएस, मोबाइल ऐप और पंचायत स्तर पर पहुंचाने का सुझाव भी दिया गया।
ज्ञापन में कहा गया कि जो संगठन बार-बार कानून-व्यवस्था बिगाड़ते हैं, उनके खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई हो। किसान दिवस में केवल पंजीकृत संगठनों को ही अवसर दिया जाए, प्रत्येक संगठन के लिए समय और संख्या तय की जाए तथा किसान दिवस का आयोजन तहसील स्तर पर रोटेशन के आधार पर किया जाए।
इसके अलावा खेती-किसानी से इतर मुद्दों पर सड़क जाम, धरना-प्रदर्शन करने वाले संगठनों के खिलाफ भी मुकदमे दर्ज करने की मांग सरकार से की गई।


