दिल्ली-एनसीआर के निवासियों और खास तौर पर छात्रों के लिए एक बड़ी राहत भरी खबर सामने आई है। प्रदूषण के स्तर में सुधार को देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने GRAP-4 की सख्त पाबंदियों को तत्काल प्रभाव से हटा लिया है।
इस फैसले का सीधा असर दिल्ली के स्कूलों पर पड़ा है। स्कूल पिछले काफी समय से ऑनलाइन या हाइब्रिड मोड में चल रहे थे। शिक्षा निदेशालय (DoE) ने स्पष्ट कर दिया है कि 26 दिसंबर 2025 से दिल्ली के अधिकांश स्कूल दोबारा फिजिकल मोड में अपनी रौनक लौटाएंगे।
पिछले कुछ हफ्तों से दिल्ली की हवा 'गंभीर+' श्रेणी में बनी हुई थी, जहां AQI 450 के पार जा चुका था। इसी कारण आपातकालीन उपाय के तौर पर GRAP-4 लागू किया गया था। हालांकि, हालिया तेज हवाओं और मौसम में आए बदलाव के कारण AQI में भारी गिरावट दर्ज की गई है।
वर्तमान में AQI 270 के आसपास (Poor श्रेणी) आ गया है। प्रदूषण के इस स्तर में सुधार को देखते हुए प्रशासन ने जनजीवन को सामान्य करने की दिशा में यह कदम उठाया है।
शिक्षा निदेशालय का नया सर्कुलर GRAP-4 हटने के बाद जारी नए सर्कुलर के अनुसार, स्कूलों को दोबारा खोलने के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए गए हैं:
कक्षा 6 से 9 और कक्षा 11 इन छात्रों के लिए अब हाइब्रिड मोड (ऑनलाइन+ऑफलाइन) की अनिवार्यता खत्म कर दी गई है। अब सभी छात्रों को नियमित रूप से स्कूल जाकर ही पढ़ाई करनी होगी।
कक्षा 10 और 12 (बोर्ड स्टूडेंट्स) बोर्ड परीक्षाओं और प्रैक्टिकल की तैयारी को देखते हुए ये कक्षाएं पहले की तरह फिजिकल मोड में जारी रहेंगी। स्कूल खुलने से इन छात्रों को शिक्षकों से सीधा मार्गदर्शन मिल सकेगा, जो प्री-बोर्ड परीक्षाओं के लिए बेहद जरूरी है।
कक्षा 5 तक के छात्र (प्राइमरी क्लास) छोटे बच्चों की संवेदनशीलता को देखते हुए, प्रशासन ने इनके लिए हाइब्रिड मोड का विकल्प खुला रखा है। यानी स्कूल अपनी सुविधानुसार यह तय कर सकते हैं कि उन्हें ऑनलाइन क्लास चलानी है या बच्चों को स्कूल बुलाना है।
दिल्ली के स्कूलों में सर्दियों की छुट्टियों की तारीखें भी अब पूरी तरह साफ हो गई हैं:
- 26 से 31 दिसंबर 2025: स्कूल फिजिकल मोड में खुलेंगे और नियमित कक्षाएं चलेंगी।
- 1 जनवरी से 15 जनवरी 2026: दिल्ली के सभी स्कूलों में विंटर वेकेशन (सर्दियों की छुट्टियां) रहेंगी।
राहत के बीच प्रशासन ने चेतावनी भी जारी की है। मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, आने वाले दिनों में कड़ाके की ठंड और घना कोहरा बढ़ सकता है। हवा की गति कम होने पर प्रदूषण का स्तर दोबारा बढ़ सकता है।
प्रशासन का निर्देश है कि "अगर प्रदूषण का स्तर फिर से 'गंभीर' श्रेणी में जाता है, तो स्कूलों को तत्काल प्रभाव से दोबारा ऑनलाइन मोड पर शिफ्ट किया जा सकता है।"


