नई दिल्ली । दिल्ली की नई सरकार के सबसे प्रमुख कामों में यमुना की सफाई प्राथमिकता में है। नदी की सफाई के लिए संबंधित विभागों की ओर से कार्ययोजना भी बना ली गई। शुरुआती तौर पर मशीनों से कचरों की सफाई भी शुरू हो गई है। वहीं सरकार का कहना है कि इस साल छठ महापर्व में श्रद्धालु यमुना में डुबकी लगाएंगे।
इसके लिए सरकार युद्ध स्तर पर साफ-सफाई के लिए काम शुरू कर दिया है। वहीं दूसरी ओर यमुना की सफाई पर प्रधानमंत्री कार्यालय भी निगरानी कर रहा है।
यमुना किनारे छठ महापर्व बनाने पर रोक
दिल्ली सरकार में मंत्री डॉ. पंकज सिंह का कहना है कि शुद्ध, पवित्र, अविरल यमुना के लिए हम वचनबद्ध हैं। यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का वादा है। सरकार इस मुद्दे को लेकर गंभीरता से काम कर रही हैं। इस बार छठ महापर्व में श्रद्धालु यमुना में डुबकी लगाएंगे। गौरतलब है कि गंभीर रूप से प्रदूषित यमुना के किनारे छठ महापर्व बनाने पर रोक लगी हुई है। रोक के पीछे की वजह यह है कि यमुना का पानी इतना प्रदूषित है कि इसमें नहाने से बीमार होने का खतरा है। दूसरी ओर बीते कई सालों से दिल्ली की राजनीति भी यमुना की सफाई को लेकर गरमाती रही है। पिछले 10 सालों तक दिल्ली की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी की सरकार सफाई के मुद्दे पर काफी बयानबाजी करती रही, लेकिन काम कुछ नहीं हुआ।
पूरी तरह साफ होने में लगेगा वक्त...
बीते दिनों एलजी वीके सक्सेना के निर्देश पर यमुना की सफाई के लिए मशीनों को लगाया गया है। कुल सात मशीनों से नदी से ठोस अपशिष्ट, जलकुंभी और खरपतवार को हटाने का काम अगले कुछ महीनों तक चलेगा। सोमवार को अतिरिक्त मुख्य सचिव (सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग) नवीन चौधरी सफाई का निरीक्षण करने आइटीओ छठ घाट पहुंचे। उन्होंने मशीनों से यमुना में कूड़ा-कचरा साफ करने के किए जा रहे कार्य के बारे में जानकारी ली और दावा किया कि तीन साल में यमुना की सफाई हर हाल में करा दी जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि दिल्ली सरकार शहर में सभी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट को पूरी तरह से चालू करेगी। इसमें छह नए स्थापित किए जा रहे हैं, ताकि अगले दो सालों में यमुना में सीवरेज और औद्योगिक अपशिष्टों के प्रवाह को पूरी तरह से रोका जा सके और दिसंबर 2027 तक यमुना को पूरी तरह से साफ किया जा सके।
2026 तक सभी एसटीपी काम करने लगेंगे...
दिल्ली में यमुना का 57 किमी का हिस्सा हरियाणा से लेकर उत्तर प्रदेश की सीमा तक है। इस पूरे हिस्से को साफ किया जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि नदी को साफ करने के लिए तीन-चार चीजें सुनिश्चित करने की जरूरत है, जिसमें कचरा और खरपतवार को हटाना, पूरी तरह से कार्यात्मक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के माध्यम से अनुपचारित सीवेज और औद्योगिक अपशिष्टों के प्रवाह की जांच करना शामिल है। दिसंबर 2026 तक सभी एसटीपी पूरी तरह से काम करने लगेंगे। इसके बाद यदि यमुना में कोई भी अनुपचारित सीवेज गिरता है तो उसपर सख्त कार्रवाई होगी। साथ ही लोगों को मूर्तियों को विसर्जित करने, कैलेंडर और ऐसी अन्य वस्तुओं को नदी में फेंकने से रोकने के लिए जन जागरूकता पैदा की जाएगी।