गाजियाबाद डीएम रविन्द्र कुमार मांदड़ ने कलेक्ट्रेट स्थित अपने ऑफिस में डीएम ने आम लोगों की समस्याएं सुनीं। इस दौरान उन्होंने न सिर्फ अधिकारियों को काम में तेजी लाने के निर्देश दिए, बल्कि इंसानियत की मिसाल भी पेश की।
आज भी अधिकारियों में संवेदनाएं बची है। वह गरीब और असहाय का दर्द समझते हैं। ऐसा ही नजारा कलेक्ट्रेट में दिखा, जहां डीएम रविन्द्र कुमार मांदड़ ने एक गरीब किसान का बकाया बिजली बिल अपने जेब से भरा। इसके अलावा उन्होंने एक असहाय महिला को न्याय दिलाने के लिए सीधे एसडीएम को लाइन पर लेकर सख्त हिदायत दी और कहा कि उनको जल्द से जल्द न्याय दिलाने का प्रयास करें।
एक किसान अपनी समस्या लेकर उनके पास पहुंचा। उसकी आर्थिक स्थिति इतनी खराब थी कि वह अपना बिजली का बिल नहीं भर पा रहा था। किसान को देख डीएम साहब का दिल पसीज गया। उन्होंने तुरंत अपनी ओर से किसान को 5100 रुपये की आर्थिक मदद दी, ताकि वह अपना बिल चुका सके।
शशि त्यागी नाम की महिला अपनी आपबीती सुनाते हुए रो पड़ी। उन्होंने बताया कि पति और बेटे की मौत के बाद अब उनके ससुराल वाले ही उनकी जमीन पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे है। मांदड़ ने इसे गंभीरता से लिया और तुरंत एसडीएम लोनी को फोन कर निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस मामले की पूरी जांच की जाए और नियम के अनुसार महिला को न्याय सुनिश्चित किया जाए। जनसुनवाई में बड़ी संख्या में किसान भी शिकायतें लेकर पहुंचे थे। सभी किसानों की बात सुनी गई।


