रंगमंच के दिग्गज अभिनेता आलोक चटर्जी का आज तड़के तीन बजे निधन हो गया। सिग्मा उपाध्याय ने अपनी फेसबुक पोस्ट के जरिए ये जानकारी दी है। जानकारी के अनुसार वह लंबे समय से बीमारी से जूझ रहे थे। उनके शरीर में इन्फेक्शन फैल गया था। इसके अलावा उनके कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था, जिसकी वजह से उनका निधन हो गया।
सोमवार को बिगड़ गई थी तबीयत
उनके निधन की पुष्टि भोपाल के रंगकर्मी बालेंद्र बालू ने भी की है। उन्होंने कहा, "कल रात में करीब 11-12 बजे उनका निधन हो गया। वह लंबे समय से बीमार थे। वह कई बीमारियों से जूझ रहे थे। उनका गॉलब्लैडर भी निकल गया था। किडनी पैंक्रियाज में भी समस्याएं थीं। कल उनकी तबीयत बहुत ज्यादा बिगड़ गई थी कि उन्हें बंसल हॉस्पिटल के आईसीयू में भर्ती किया गया था। बीती रात उन्होंने अंतिम सांस ली।"
इरफान खान से थी गहरी दोस्ती
हिंदी सिनेमा के दिग्गज कलाकार रहे इरफान खान से भी आलोक चटर्जी की गहरी दोस्ती थी। दोनों ने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में साल 1984 से लेकर 1987 तक एक साथ पढ़ाई की। दोनों ने तीन साल तक नाटकों में लीड रोल भी निभाए।
संगीत नाटक अकादमी अवॉर्ड से हुए थे सम्मानित
आलोक चटर्जी का योगदान भारतीय रंगमंच के इतिहास में बेहद महत्वपूर्ण रहा है। उनके अभिनय के प्रति समर्पण और प्रतिभा को रंगमंच की दुनिया ने हमेशा सराहा। अभिनेता ने कई प्रमुख नाटकों में अपने अभिनय का जादू बिखेरा और दर्शकों के दिलों में एक खास स्थान बनाया। उन्हें उनके इस योगदान के लिए संगीत नाटक अकादमी अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया था।
इन नाटकों से हुए खूब मशहूर
वह कुछ बेहद मशहूर नाटकों का हिस्सा रहे। 'ए मिड समर नाइट्स ड्रीम' (विलियम शेक्सपियर) का निर्देशन उन्होंने ही किया था। 'डेथ ऑफ सेल्समैन' (आर्थर मिलर) का निर्देशन से साथ उन्होंने उसमें अभिनय भी किया था। 'नट सम्राट' (विष्णु वामन शिरवाडकर), 'शकुंतला की अंगूठी' (सुरेन्द्र वर्मा), 'स्वामी विवेकानंद', और 'अनकहे अफसाने' उनके प्रमुख नाटकों में शामिल हैं।