नेटवर्क एफएओ की ओर से संयुक्त राष्ट्र में आयोजित एक बैठक में उप महानिदेशक गोडफ्री मगेन्जी ने कहा कि इस बीमारी का फैलाव अभूतपूर्व है, जिससे खाद्य सुरक्षा पर गंभीर असर पड़ रहा है। दुनिया की कई हिस्सों में अब इसके कारण लोगों की आजीविका यानी रोजी रोटी पर असर पड़ रहा है।
संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) का कहना है कि पिछले 4 वर्षों के दौरान एवियन इन्फ्लूएंजा (बर्ड फ्लू) का फैलाव बहुत ज्यादा हो गया है। इसकी वजह से मुर्गी पालन समेत अन्य घरेलू पक्षियों का भारी नुकसान हुआ है। इससे न सिर्फ खाद्य सुरक्षा प्रभावित हो रही है बल्कि जैव विविधता को भी नुकसान हो रहा है।
एफएओ की ओर से संयुक्त राष्ट्र में आयोजित एक बैठक में उप महानिदेशक गोडफ्री मगेन्जी ने कहा कि इस बीमारी का फैलाव अभूतपूर्व है, जिससे खाद्य सुरक्षा पर गंभीर असर पड़ रहा है। दुनिया की कई हिस्सों में अब इसके कारण लोगों की आजीविका यानी रोजी रोटी पर असर पड़ रहा है। साथ ही अर्थव्यवस्था को झटका लग रहा है। मुर्गे का मांस और अंडे महंगे हो रहे हैं। उपभोक्ताओं के लिए इसका खर्च वहन करना भारी पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि पक्षी पालन को बचाने की मुख्य चुनौतियां के बीच अब यह सुनिश्चित करना है कि जो लोग मुर्गियों पर निर्भर हैं उन्हें मांस और अंडे मिलते रहें। इसके साथ जैव विविधता, सुरक्षित व्यापार और किसानों की आजीविका की भी सुरक्षा करनी है।
शीर्ष आयातक
आर्थिक जटिलता वेधशाला (ईसीओ) के अनुसार दुनिया का सबसे बड़ा आयातक जर्मनी है, जो अकेले दुनिया के पोल्ट्री मांस निर्यात का 6.4 फीसदी आयात करता है। उसके बाद यूनाइटेड किंगडम 6.2 फीसदी के साथ दूसरे स्थान पर है। शीर्ष पांच में हांगकांग वैश्विक आयात का 5.8, सऊदी अरब 5.3 और जापान 5 फीसदी हैं। इसके अलावा उत्तरी अमेरिका 4.7, मेक्सिको, दक्षिण अमेरिका में वेनेजुएला 2.5, अफ्रीका में अंगोला 1.7 और ओशिनिया में ऑस्ट्रेलिया 0.13 फीसदी शामिल हैं।
अमेरिका में स्थिति बदतर
अंडों की आसमान छूती कीमतों से निपटने के लिए अमेरिकी प्रशासन ने आंगन में मुर्गियां पालने का सुझाव दिया है। इसके तहत लोग सालभर के लिए 2 से 4 मुर्गियां किराए पर ले सकते हैं ताकि उन्हें अंडे मिल सकें। फरवरी 2022 में जब पोल्ट्री उद्योग में बर्ड फ्लू के प्रकोप की घोषणा की गई थी तब से अमेरिका में 166 मिलियन से ज्यादा मुर्गियां मारी जा चुकी हैं।
मिलकर काम करने की जरूरत...
एफएओ की उप महानिदेशक बेथ बेकडोल ने कहा कि यह एक वैश्विक समस्या है और इसके समाधान के लिए सबको मिलकर काम करना होगा। एफएओ पिछले 20 सालों से इस वायरस के खिलाफ काम कर रहा है और अब एफएओ और विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन ने इसे रोकने के लिए एक दस साल की वैश्विक योजना शुरू की है।