नई दिल्ली । दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को सर रतन टाटा ट्रस्ट और टाटा ट्रस्ट द्वारा बौद्धिक संपदा के उल्लंघन के लिए दायर एक मुकदमे के जवाब में रजत श्रीवास्तव नामक व्यक्ति को 'रतन टाटा आइकन अवार्ड' नाम से एक पुरस्कार की मेजबानी करने से रोक दिया। न्यायालय ने कहा कि वह व्यक्ति रतन टाटा और टाटा ट्रस्ट से संबंधित लोगो और चित्रों का उपयोग नहीं कर सकता।
दिलचस्प बात यह है कि न्यायालय इस बात पर भी विचार कर रहा है कि क्या 'रतन टाटा' को उनकी लोकप्रियता के मद्देनजर एक प्रसिद्ध ट्रेडमार्क घोषित किया जा सकता है।
सुनवाई अब 12 फरवरी को अनुपालन के लिए होगी
सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति मिनी पुष्करना ने कहा यह न्यायालय इस बात पर गौर करता है कि टाटा एक प्रसिद्ध ब्रांड है। स्वर्गीय रतन टाटा एक प्रसिद्ध व्यक्ति हैं। उनके नाम को ही संरक्षित किया जाना चाहिए। सुनवाई के दौरान, प्रतिवादी ने रतन टाटा के नाम का उपयोग न करने और पुरस्कारों को भी रद्द करने पर सहमति व्यक्त की। इसके परिणामस्वरूप, मुकदमा खारिज कर दिया गया है। हालांकि, न्यायालय ने प्रतिवादियों से एक वचनबद्धता मांगी है। मामले की सुनवाई अब 12 फरवरी को अनुपालन के लिए होगी।
इसलिए दायर किया मुकदमा
विवाद टाटा समूह से जुड़े प्रसिद्ध ट्रेडमार्क, लोगो और व्यक्तिगत नाम, विशेष रूप से ट्रेडमार्क टाटा, टाटा ट्रस्ट और स्वर्गीय रतन टाटा के नाम और छवि के अनधिकृत उपयोग के इर्द-गिर्द घूमता है। सर रतन टाटा ट्रस्ट और टाटा संस ने एक सदी से भी अधिक समय से अपने बौद्धिक संपदा अधिकारों, प्रतिष्ठा और सद्भावना की रक्षा के लिए यह मुकदमा दायर किया है। श्रीवास्तव और उनकी कंपनी यूसी मेंटर्स प्राइवेट लिमिटेड के नेतृत्व में प्रतिवादियों पर टाटा ट्रस्ट और रतन टाटा के साथ झूठे दावे करके धोखाधड़ी वाले कार्यक्रम और पुरस्कार आयोजित करने का आरोप लगाया गया है, जिससे जनता को गुमराह किया गया और वादी की प्रतिष्ठा को काफी नुकसान पहुंचा।
दो करोड़ का हर्जाना भी मांगा
वादी ने रजत श्रीवास्तव पर रतन टाटा नेशनल आइकॉन अवार्ड जैसे अनधिकृत कार्यक्रम और पुरस्कार आयोजित करने का आरोप लगाया, जिसमें टाटा ट्रस्ट और रतन टाटा के साथ समर्थन और जुड़ाव का झूठा दावा किया गया। वादी ने अपने ट्रेडमार्क, लोगो और रतन टाटा के नाम और छवि के आगे अनधिकृत उपयोग को रोकने के लिए स्थायी निषेधाज्ञा की मांग की। उन्होंने अपनी प्रतिष्ठा और सद्भावना को हुए नुकसान के लिए लगभग दो करोड़ का हर्जाना भी मांगा है।