नई दिल्ली । दिल्ली विधानसभा चुनावों में 19 प्रतिशत उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं, जबकि गंभीर आपराधिक मामलों में (हत्या, हमला, अपहरण, दुष्कर्म, महिलाओं एवं बच्चों के ऊपर अत्याचार) संलिप्त उम्मीदवारों की संख्या 12 प्रतिशत है। प्रमुख राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दलों से लेकर निर्दलीय उम्मीदवारों तक, आपराधिक पृष्ठभूमि वाले नेताओं की मौजूदगी ने चुनावी प्रक्रिया की पवित्रता को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं।