नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर खून से लथपथ एक युवक सड़क पर लेटा हुआ था। उसकी सांसें थम गई थी। उसी समय वहां से पुलिस उपायुक्त ट्रैफिक (मुख्यालय) शशांक जायसवाल गाड़ी से गुजर रहे थे।
शशांक सड़क पर भीड़ देखकर रुक गए। दिल्ली पुलिस के एक पुलिस उपायुक्त बुधवार रात एक युवक के लिए फरिश्ता बनकर पहुंचे और उसकी जान बचा ली। रात के समय नारायणा-दिल्ली कैंट रोड पर एक बाइक सवार ने युवक को जोरदार टक्कर मार दी थी। इसमें युवक के सिर और पैर में गंभीर चोट लगी और वह अचेत हो गया। उसकी सांसें भी रुक गई। उसी समय वहां से गाड़ी से गुजर रहे पुलिस उपायुक्त ट्रैफिक (मुख्यालय) शशांक जायसवाल ने रुककर घायल को सीपीआर दी, जिससे उसकी जान बच गई।
शशांक सड़क पर भीड़ देखकर रुक गए थे। उन्हें देखा कि खून से लथपथ एक युवक सड़क पर लेटा हुआ था। उसकी सांसें थम गई थी। जायसवाल ने एक राहगीर फैजान की मदद से घायल को सीपीआर देना शुरू किया। इससे कुछ ही देर में घायल ने हरकत करना शुरू करते हुए उठकर बैठ गया। उसके बाद पुलिस उपायुक्त ने उसे अस्पताल पहुंचवाया। नितिन त्यागी (45) की समय पर इलाज मिलने से जान बच गई। नितिन का परिवार और वह खुद पुलिस उपायुक्त व राहगीर फैजान का धन्यवाद किया है।
पुलिस उपायुक्त शशांक जायसवाल ने बताया कि रात करीब 11 बजे वह नारायणा-दिल्ली कैंट रोड से गुजर रहे थे। इस बीच उन्होंने सड़क पर भीड़ देखी। कार से उतरकर वह मौके पर पहुंचे तो युवक सड़क पर खून से लथपथ पड़ा था। पूछने पर बाइक सवार द्वारा टक्कर मारने की बात पता चली।
जायसवाल ने युवक के गर्दन पर हाथ रखकर देखा तो उसकी सांसें थमी हुई थीं। फौरन हालात को समझा और वहां खड़े राहगीर फैजान की मदद से घायल नितिन त्यागी को सीपीआर दिया। करीब एक मिनट बाद युवक ने हाथ हिलाया। इस दौरान एक टैक्सी वाले से मदद मांगी तो उसने मना कर दिया।
वहां मौजूद फैजान ने पुलिस उपायुक्त से कहा कि वह नितिन को अस्पताल पहुंचा देता है। उसके बाद फैजान घायल को अस्पताल में भर्ती कराकर मैसेज से जायसवाल को सारे हालात बताए। प्राथमिक उपचार के बाद युवक को डिस्चार्ज कर दिया गया। नितिन पंजाबी बाग इलाके में रहते हैं।
पिछले छह माह में तीसरी बार शशांक जायसवाल ने बचाई जान
ट्रैफिक पुलिस उपायुक्त शशांक जायसवाल पिछले छह माह में तीसरी बार किसी के लिए फरिश्ता बने हैं। सितंबर 2024 में उन्होंने इसी तरह रास्ते में घायल पड़े बाइक सवार को अपनी कार से अस्पताल पहुंचाया था। दिसंबर 2024 में आर्मी और एयरफोर्स में कार्यरत दंपती की कार अनियंत्रित होकर सड़क पर पलट गई। उन्हें रुककर समय रहते बाहर निकाला था। अब उन्होंने समय रहते एक और युवक की जान बचाकर मिसाल कायम की है।