नई दिल्ली। गठबंधन के बाद उम्मीदवारों की घोषणा से आम आदमी पार्टी ने अपने कार्यकर्ताओं को एकजुट रहने का संदेश दिया है। चार सीटों में से तीन पर आप ने अपने कार्यकर्ताओं पर भरोसा जताया है।
विधायक सोमनाथ भारती, कुलदीप और सहीराम को टिकट देकर आप ने पार्टी के आम कार्यकर्ताओं में भरोसा जगाने की कोशिश की है कि वह भी ऊंची छलांग लगा सकते हैं। वहीं, समझौते के बाद कांग्रेस के कोर वोटर को अपनी तरफ शिफ्ट करने के लिए पूर्व कांग्रेसी सांसद महाबल मिश्रा पर दांव लगाया है।
दिलचस्प है कि महाबल व सोमनाथ पूर्वांचल से ताल्लुक रखते हैं। इनके जरिए आप ने निशाना पूर्वांचल समुदाय से ताल्लुक रखने वाले मतदाताओं पर लगाया है। सामान्य सीट से कुलदीप को उतारकर पार्टी अनुसूचित जाति को भी साथ रखना चाहती है, तभी टिकट घोषित होने के तुरत बाद मुख्यमंत्री ने जोर दिया केवल आप ही आंबेडकर का सपना साकार कर सकती है।
दरअसल, कांग्रेस के साथ समझौता होने के बाद से आशंका जाहिर की जा रही थी कि आप के कैडर कार्यकर्ताओं में इससे निराशा आ सकती है। वजह यह कि आप कार्यकर्ता अभी तक के हर चुनाव में भाजपा के साथ कांग्रेस भी दो-दो हाथ करता रहा है।
ऐसे में चुनाव के दौरान अपने कार्यकर्ताओं को चार्ज करने के लिए पार्टी ने तीन सीटों पर अपने विधायकों को उतार दिया। सोमनाथ और कुलदीप पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से हैं। सहीराम 2014 से पार्टी के साथ हैं। पार्टी मान रही है कि इससे उसके आम कार्यकर्ताओं में भरोसा बना रहेगा कि वह भी आप में ऊंची छलांग लगा सकते हैं।
मुस्लिम व पंजाबी उम्मीदवार को नहीं मिली जगह
आप ने अपनी लिस्ट में मुस्लिम समुदाय को नजरअंदाज किया है, जबकि इनकी आबादी करीब 12 फीसदी है। वहीं, पंजाबी समाज भी जगह पाने में नाकाम रहा। पार्टी का कहना है कि जिताऊ उम्मीदवारों पर दांव लगाया गया है। टिकट देने की पात्रता यही रही है।
जातीय और क्षेत्रीय समीकरण भी साधने की कोशिश
दिल्ली में पूर्वांचली वोटर की संख्या करीब एक तिहाई है। आप ने पूर्वांचल से ताल्लुक रखने वाले दो उम्मीदवार उतारकर इस समुदाय पर निशाना साधा है। विधानसभा चुनाव के दौरान भी आप ने इसी तरह का प्रयोग किया था। इसमें करीब 12 उम्मीदवार पूर्वांचल से ताल्लुक रखने वाले थे। नतीजतन आप यहां से जुड़े वोटरों को हक में खींचने में कामयाब भी रही थी। पार्टी का मानना है कि लोकसभा चुनाव में भी यह रणनीति काम करेगी।
वहीं, दिल्ली में करीब 17 फीसदी आबादी अनुसूचित जाति से है। बीते दो विधानसभा चुनावों में एससी वोटर आप के साथ गया था। दिल्ली की सभी 12 आरक्षित सीटें आप के पास हैं। लोकसभा चुनाव में इसी रणनीति पर काम किया गया है। समझौते में इकलौती आरक्षित उत्तर-पश्चिमी सीट कांग्रेस के खाते में जाने के बावजूद कुलदीप को उम्मीदवार बनाया गया है। गुर्जर समुदाय के सहीराम को टिकट देकर गुर्जर वोटरों को भी अपनी तरफ खींचने का प्रयास किया गया है।